Friday, January 10, 2014

हैड्रोन बीम थेरेपी तथा कैंसर थेरेपी केंद्र


  कैंसर रोगियों के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सरकार ने मुंबई के टाटा मेमोरियल सेंटर (टीएमसी) अस्पताल में 450 करोड़ रुपये की लागत से विशेष थेरेपी सुविधा शुरू करने की मंजूरी प्रदान की। अत्याधुनिक हैड्रोन बीम थरेपी( प्रोटोन बीम या हैवी आयन बीम थरेपी) सेंटर को परमाणु ऊर्जा विभाग विकसित करेगा। यह कैंसर के लिए अत्याधुनिक उपचार प्रक्रिया है।  भारत में इस तरह की यह पहली सुविधा है और इससे भारत कैंसर के लिए आधुनिक चिकित्सा सुविधा देने वाले विश्व के चुनिंदा देशों के समूह में पहुंच गया है। 

टाटा मेमोरियल सेंटर ने कैंसर के इलाज में यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है। 6 दशक से अधिक समय पहले भारत में कैंसर अनुसंधान तथा चिकित्सा के अग्रणी केन्द्र के रूप में इस संस्थान की स्थापना हुई और तब से यह संस्थान अपने देश में कैंसर के इलाज में हर प्रकार के मील के पत्थर से जुड़ा रहा है। यह सेंटर भारत में चिकित्सा विज्ञान और इलाज के नये द्वारा खोलने के राष्ट्रीय प्रयास में अग्रणी रहा है। इससे भी अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि कैंसर का इलाज गरीबों के लिए सुलभ बनाने में इस संस्थान की प्रतिबद्धता रही है। यह संस्थान हमारे देश का गौरव है और कैंसर की बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए आशा की किरण है। इस केन्द्र ने सचमुच अपने नारे "सेवा, अनुसंधान, शिक्षा" को जीवन्त बनाया है 

कैंसर के अधिकतर मरीजों को इलाज के दौरान रेडिएशन थेरेपी करानी पड़ती है। लेकिन परंपरागत तरीकों की अपनी सीमाए हैं और इनसे आसपास की कोशिकाओं को क्षति पहुंच सकती है। हैड्रोन बीम थेरेपी से सटीक तरीके से इलाज होगा और स्वस्थ कोशिकाओं की क्षति में कमी आएगी। 
यह कैंसर इलाज की तीसरी सुविधा है  30 दिसम्बर को चंडीगढ़ में होमिभाभा कैंसर अस्पताल तथा अनुसंधान केन्द्र की आधारशिला रखी  यह संस्थान भी टाटा मेमोरियल सेंटर द्वारा स्थापित किया जा रहा है और यहां मुम्बई की तरह उत्तर भारत में भी मरीजों की चिकित्सा होगी। 03 जनवरी को हरियाणा के झज्जर में राष्ट्रीय कैंसर संस्थान की आधार शिला रखी यह कैंसर संस्थान अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के तत्वावधान में स्थापित किया जा रहा है। इसके अलावा शीघ्र ही विशाखापत्तन में टाटा मेमोरियल सेंटर के क्षेत्रीय केन्द्र का निर्माण शुरू होगा। इससे दक्षिण भारत के मरीजों की सेवा होगी।  
क्षेत्रीय कैंसर केन्द्रों तथा सहायक कैंसर केन्द्रों के समर्थन से राष्ट्रीय कैंसर सेंटर भी स्थापित किया जा रहा है।कैंसर के बारे में सूचनाओं के आदान प्रदान को सुलभ बनाने के लिए नेशनल कैंसर ग्रिड स्थापित किया जा रहा है।

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