मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में बना हबीबगंज रेलवे स्टेशन देश का पहला प्राइवेट रेलवे स्टेशन बन गया है। भोपाल की कंपनी बंसल ग्रुप को इस रेलवे स्टेशन का संचालन करेगी। हालांकि रेलवे के इस कदम का लोगों ने विरोध करना भी शुरू कर दिया है। ट्विटर पर लोग इस कदम का विरोध कर रहे हैं।
रेलवे ने जुलाई 2016 में पीपीपी मॉडल के तहत बंसल ग्रुप के साथ करार किया था, जिसको सोमवार से कंपनी के हाथों सौंप दिया गया है।
एयरपोर्ट टर्मिनल की तरह दिखेगी स्टेशन की बिल्डिंग
बंसल पाथवे नाम की कंपनी जहां रेलवे स्टेशन का संचालन करेगी, वहीं रेलवे गाड़ियों का संचालन करेगी। इस स्टेशन को एयरपोर्ट के स्टाइल में बनाया जाएगा। हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर पॉर्किंग से लेकर खानपान तक बंसल ग्रुप के अधीन होगा तथा इससे होने वाली आय भी इसी कंपनी को मिलेगी।
हालांकि, इससे रेलवे को 2 करोड़ रुपये सालाना राजस्व की हानि भी होगी। इस स्टेशन पर एस्केलेटर, शॉपिंग के लिए दुकानें, फूड कोर्ट और अन्य सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।
एयरपोर्ट टर्मिनल की तरह दिखेगी स्टेशन की बिल्डिंग
बंसल पाथवे नाम की कंपनी जहां रेलवे स्टेशन का संचालन करेगी, वहीं रेलवे गाड़ियों का संचालन करेगी। इस स्टेशन को एयरपोर्ट के स्टाइल में बनाया जाएगा। हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर पॉर्किंग से लेकर खानपान तक बंसल ग्रुप के अधीन होगा तथा इससे होने वाली आय भी इसी कंपनी को मिलेगी।
हालांकि, इससे रेलवे को 2 करोड़ रुपये सालाना राजस्व की हानि भी होगी। इस स्टेशन पर एस्केलेटर, शॉपिंग के लिए दुकानें, फूड कोर्ट और अन्य सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।
हबीबगंज को देश का पहला आईएसओ सर्टिफिकेट मिलने का गौरव भी मिला हुआ है। यहीं से चलने वाली हबीबगंज-निजामुद्दीन भोपाल एक्सप्रेस को देश की पहली आईएसओ सर्टिफाइड ट्रेन है।
इसके बाद ही अन्य ट्रेनों को आईएसओ मिलने की कवायद शुरू हुई थी। भोपाल शहर की आधी आबादी इस स्टेशन के जरिए अपने गंतव्य की ट्रेन पकड़ती है। तीन साल के अंदर लगभग 100 करोड़ की लागत से हबीबगंज रेलवे स्टेशन को आधुनिक बनाया जायेगा।
आपात स्थिति में रेलवे स्टेशन को 4 मिनट में खाली कराया जा सकेगा। आग लगने की स्थिति में यात्री 6 मिनट में सुरक्षित स्थान तक पहुंच जायेंगे। स्टेशन पर सोलर एनर्जी का उपयोग किया जायेगा जिससे बिजली मिल सके।
स्टेशन में 6 लिफ्ट लगेंगे और 11 एस्केलेटर लगाये जायेंगे। इसके अलावा पैदल चलने वालों के लिये 2 सबवे बनाये जायेंगे और पार्सल के लिये 1 कॉरिडोर अलग से बनाया जाएगा।
इसके बाद ही अन्य ट्रेनों को आईएसओ मिलने की कवायद शुरू हुई थी। भोपाल शहर की आधी आबादी इस स्टेशन के जरिए अपने गंतव्य की ट्रेन पकड़ती है। तीन साल के अंदर लगभग 100 करोड़ की लागत से हबीबगंज रेलवे स्टेशन को आधुनिक बनाया जायेगा।
आपात स्थिति में रेलवे स्टेशन को 4 मिनट में खाली कराया जा सकेगा। आग लगने की स्थिति में यात्री 6 मिनट में सुरक्षित स्थान तक पहुंच जायेंगे। स्टेशन पर सोलर एनर्जी का उपयोग किया जायेगा जिससे बिजली मिल सके।
स्टेशन में 6 लिफ्ट लगेंगे और 11 एस्केलेटर लगाये जायेंगे। इसके अलावा पैदल चलने वालों के लिये 2 सबवे बनाये जायेंगे और पार्सल के लिये 1 कॉरिडोर अलग से बनाया जाएगा।
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