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Wednesday, February 5, 2014

रेलवे ऑनलाइन पूछताछ हुई और आसान


 रेलवे से संबंधित ऑनलाइन पूछताछ अब और आसान हो गई है। सेंटर फार रेलवे इंफारमेशन सिस्टम (क्रिस) ने रेलवे पूछताछ से संबंधित तमाम वेबसाइटों का विलय डब्लूडब्लूडब्लू. ट्रेनइंक्वायरी. कॉम में करते हुए इसे पहले से बेहतर तथा सुविधाजनक बना दिया है।
नई वेबसाइट इस्तेमाल में आसान है और इसकी स्पीड भी ज्यादा तेज है। इसका अंग्रेजी के साथ हिंदी वर्जन भी उपलब्ध कराया गया है।
डब्लूडब्लूडब्लू. ट्रेनइन्क्वायरी. कॉम के नए स्वरूप को लोगों की राय जानने के लिए पिछले हफ्ते प्रयोग के तौर पर खोला गया था। जनता ने इसे काफी सराहा। लिहाजा शुक्रवार से इसे औपचारिक तौर पर लांच कर दिया गया। नई वेबसाइट की कई विशेषताएं हैं।
स्पॉट योर ट्रेन : इस टैब के तहत ट्रेन का शिड्यूल, रनिंग स्टेट्स, किसी स्टेशन विशेष पर किसी ट्रेन के आगमन-प्रस्थान का संभावित समय तथा किसी ट्रेन का संपूर्ण रनिंग स्टेट्स देखा जा सकता है।
स्टेशन : इसमें किसी भी स्टेशन पर अगले दो, चार, छह और आठ घंटे के भीतर किसी ट्रेन के आने-जाने का संभावित समय पता किया जा सकता है। इसके लिए स्टेशन का नाम या कोड भरना होगा। इसमें हर दो मिनट पर स्वत: रिफ्रेश होने का बटन भी है।
ट्रेन्स बिटवीन स्टेशंस : भारतीय रेलवे द्वारा चलाई जाने वाली सभी ट्रेनों में किसी भी ट्रेन की दो स्टेशनों के बीच की वर्तमान स्थिति का पता किया जा सकता है। अभी तक किसी भी सरकारी वेबसाइट पर इस तरह की संपूर्ण सूचना उपलब्ध नहीं थी।
ट्रेन्स कैंसेल्ड : इसमें किसी रूट पर पूर्णत: या आंशिक रूप से रद सभी ट्रेनों का ब्योरा देखा जा सकता है। इनके अलावा रीशीड्यूल्ड एंड डायवर्टेड टैब के तहत ट्रेनों के समय परिवर्तन या मार्ग परिवर्तन के बारे में जाना जा सकता है।
नई वेबसाइट बीटा वर्जन वाली पुरानी वेबसाइट का स्थान लेगी। अन्य वेबसाइटों मसलन इवेंट्स. ट्रेनइंक्वायर. कॉम, रेलरडार. ट्रेनइंक्वायरी. कॉम/फॉग, ऑनदिगो. ट्रेनइंक्वायर. कॉम तथा ट्रेनइंक्वायरी. कॉम/लाइवअपडेट्स/स्पेशलट्रेन्स/एएसपीएक्स को इससे संबद्ध कर दिया गया है। इनसे संबंधित सभी सूचनाएं अब नई वेबसाइट पर ही उपलब्ध होंगी।

अगर आरक्षित बोगी में यात्रा कर रहे हैं तो आपको यह अधिकार भी है

नई दिल्ली। अगर आप रेल की आरक्षित बोगी में यात्रा कर रहे हैं और आपका सामान चोरी हो जाता है तो आप रेलवे से हर्जाने का दावा कर सकते हैं। रिजर्व कोच में अनधिकृत व्यक्ति का प्रवेश रोकना टीटीई (टिकट जांचने वाला) की जिम्मेदारी है और अगर वह इसमें नाकाम रहा तो रेलवे सेवा में खामी का जिम्मेदार है। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के इस फैसले पर मुहर लगा दी है। अब रेलवे को 17 साल पहले चोरी हुए सामान का दो लाख रुपये हर्जाना देना होगा।
न्यायमूर्ति चंद्रमौलि कुमार प्रसाद व पिनाकी चंद्र घोष की पीठ ने रेलवे की याचिका खारिज करते हुए राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के फैसले में दखल देने से इन्कार कर दिया। रेलवे की दलील थी कि उपभोक्ता अदालत रेलवे के खिलाफ दावे पर सुनवाई ही नहीं कर सकती। ऐसे मामलों की सुनवाई सिर्फ रेलवे क्लेम टिब्यूनल में हो सकती है। जबकि, यात्री के वकील अजीत शर्मा का कहना था कि रेलवे टिब्यूनल में केवल उन दावों पर विचार होता है जो सामान रेलवे में बुक किए जाते हैं। यहां मामला भिन्न है और उपभोक्ता आयोग का फैसला बिल्कुल सही है। राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने भी रेलवे की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि इस बात में कोई विवाद नहीं है कि शिकायतकर्ता (डॉक्टर शोभा) अपनी बेटी के साथ आरक्षित बोगी में यात्र कर रही थीं। टीटीई की जिम्मेदारी थी कि वह सुनिश्चित करे कि कोई अनधिकृत व्यक्ति रिजर्व कोच में न घुसने पाए। टीटीई रात में अनधिकृत व्यक्ति का कोच में प्रवेश रोकने में नाकाम रहा इसलिए उपभोक्ता अदालत का रेलवे को सेवा में कमी का जिम्मेदार ठहराने का फैसला ठीक है। आयोग ने कहा कि इस तरह का मामला रेलवे क्लेम टिब्यूनल के तहत नहीं आता और उसके आधार पर उपभोक्ता अदालतों का क्षेत्राधिकार बाधित नहीं होता।

Thursday, January 23, 2014

एलपीजी कनेक्‍शन पोर्टेबिलिटी

 एलपीजी उपभोक्‍ता एलपीजी कनेक्‍शन पोर्टेबिलिटी योजना के तहत अपने आसपास के इलाके के एलपीजी वितरकों में से अपनी पसंद का वितरक चुन सकते हैं। इस कदम से अपने मौजूदा वितरक से नाखुश अथवा अपने घर के आसपास के इलाके के वितरक से कनेक्‍शन लेने के इच्‍छुक उपभोक्‍ताओं को काफी राहत मिलेगी।
पोर्टेबिलिटी का विकल्‍प चुनने की प्रक्रिया काफी सरल है। एलपीजी उपभोक्‍ता पोर्टेबिलिटी के लिये इस प्रकार पंजीकरण करा सकते हैं -
तेल विपणन कंपनियों की वेबसाइट पर जायें
आईओसीएल के लिए www.indane.co.in
एचपीसीएल के लिए www.hpgas.com
और बीपीसीएल के लिए www.ebharatgas.com

·         अगर वेबसाइट पर आपका पंजीकरण नहीं है तो साइट पर जाकर पंजीकरण करें।
·         क्‍लस्‍टर में वितरकों की सूची और रसोई गैस की आपूर्ति में उनके प्रदर्शन के आधार पर दी गई स्‍टार रेटिंग को देखें।
·         क्‍लस्‍टर में से अपनी पसंद के वितरक का चयन करें और अनुरोध भेजें।उपभोक्‍ता को पंजीकरण की पु‍ष्टि के लिये एक ईमेल प्राप्‍त होगा जिसमें आगे की प्रक्रिया के बारे में बताया जायेगा।
·         एक ही कंपनी में कनेक्‍शन पोर्टेबिलिटी के अनुरोध पर उपभोक्‍ता को केवल ईमेल की प्रति लेकर नये वितरक के पास जाना होगा और उनका पंजीकरण कर लिया जाएगा।
·         एक कंपनी से दूसरी कंपनी में कनेक्‍शन पोर्टेबिलि‍टी के अनुरोध पर उपभोक्‍ता को वर्तमान वितरक के पास जाकर सिलिंडर और प्रेशर रेगुलेटर जमा कराना होगा तथा स्‍थानांतरण दस्‍तावेज /राशि प्राप्‍त करके अपनी पसंद के वितरक के पास समान राशि जमा कराके दोबारा कनेक्‍शन का अनुरोध करना होगा। दोनों कंपनियों के एलपीजी उपकरणों में असमानता के कारण ऐसा करना आवश्यक है।
·         पोर्टेबिलिटी योजना के तहत कनेक्‍शन के स्‍थानांतरण के लिये कोई स्‍थानांतरण शुल्‍क अथवा अतिरिक्‍त सुरक्षा जमा राशि का भुगतान नहीं करना होगा।
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