रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के 23 जनवरी को आए आदेश की चर्चा है कि बाजार में 2005 से पुराने नोटों का चलन 31 मार्च से बंद हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं है।
रिजर्व बैंक ने स्थिति स्पष्ट की है कि 2005 से पुराने नोटों का प्रचलन भी जारी रहेगा। हालांकि पुराने नोट बैंक में जमा करवाकर नए नोटों से बदले जा सकते हैं। हालांकि पूरी कार्रवाई को अमल में लाने की प्रक्रिया को लेकर लोगों में अब भी असमंजस कायम है।
30 जून के बाद 10 से अधिक नोट बदलने के लिए देना होगा खाता नंबर
अधिक पुराने एवं नकली नोटों के चलन पर रोक लगाने के लिए आरबीआई ने 23 जनवरी को एक सर्कुलर जारी किया। इसके अनुसार 2005 से पहले जारी हुए सभी वर्ग (दो रुपए से एक हजार रुपए तक)के नोटों को बैंक वापस लेगा। इसके बाद भी अगर लोगों के पास 2005 से पुराने नोट हैं, तो वे 1 अप्रैल से 30 जून तक की अवधि में इन नोटों को बैंक में आकर बदल सकते हैं।
1 जुलाई से अगर कोई उपभोक्ता बैंक में 2005 से पुराने नोट बैंक में लेकर आता है, तो भी उसके नोट बैंक स्वीकार करेगा, लेकिन नोटों की संख्या अधिक होने पर उपभोक्ता को अपना खाता नंबर देना होगा। जिन उपभोक्ताओं के पास खाता नंबर नहीं है, तो उन्हें केवाईसी नियम पूरा करना होगा, तभी 10 से अधिक 2005 से पुराने नोट बैंक में जमा कराए जा सकेंगे।
खाता नंबर न हो तो देना होगा आईडी प्रूफ
ग्राहक का बैंक में खाता नहीं हो तो उसे 10 से अधिक नोट बदलने के लिए फोटो पहचान पत्र और रेजीडेंशियल प्रूफ साथ में देना होगा। इन दोनों में से किसी भी प्रूफ के नहीं देने पर ग्राहक से नोट नहीं लिए जाएंगे। सिर्फ गैर-खाताधारकों के लिए 1जुलाई के बाद से एक्सचेंज सुविधा पर प्रमाण दर्शाने को कहा गया है, लेकिन इसमें भी अंतिम समय-सीमा और राशि की सीमा का जिक्र नहीं है।
क्यों पड़ी आवश्यकता
- नोटों की क्वालिटी सुधारने के लिए।
- नोट के फार्मेट में आंशिक बदलाव के कारण।
- पॉलीमर नोट के प्रचलन बढ़ाने के लिए।
- नकली नोटों की रोकथाम के लिए।
- ब्लैक मनी को बाहर निकलवाने के लिए।
- कैसे पता चलेगा कि नोट 2005 से पुराना हैप्रत्येक नोट के पिछले हिस्से के मध्य में नोट के प्रकाशन का वर्ष छपा होता है। अगर किसी नोट पर प्रकाशन का वर्ष नहीं छपा हो तो नोट 2005 से पुराना है।नकली नोटों पर रोक का कदमआरबीआई ने नोटों को बदलने का आदेश जारी किया है। इसका कारण नोटों की लाइफ हो सकता है। क्योंकि नोट का ज्यादा उपयोग होने से वे अधिक पुराने व घिस जाते हैं, इससे उनमें और नकली नोटों में आसानी से पता नहीं लग पता।-एचके बत्रा, उप महाप्रबंधक, ओबीसीब्लैक मनी को बाहर निकालनाआरबीआई का यह फैसला अपने आप में बड़ी बात है। मुख्य रूप से तो यह कदम ब्लैक मनी को बाहर निकालने और नकली नोटों पर रोकथाम के लिए ही उठाया गया है।
- - वीके सचदेवा, पीएनबी, मंडल प्रमुख
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