प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के
डिजिटल इंडिया के सपने को पूरा करने के लिए हर मुमकिन कदम उठाए जा रहे है। आज के इस दौर में 4 जी इंटरनेट तो हर कोई इस्तेमाल कर रहा है लेकिन अगर घर में लगे एलईडी बल्ब से वाईफाई या ब्रॉडबैंड बिना हाईस्पीड डेटा ट्रांसफर की फैसिलिटी मिल जाए तो कुछ काम और ज्यादा आसान हो जाए। इसी के लिए भारत सरकार एक ऐसी टेक्नोलॉजी की टेस्टिंग कर रही है जो इसके अलावा बहुत से फीचर्स मुहैया करा सकती है।
हाल ही में एक प्रोजेक्ट के तहत इन्फर्मेशन ऐंड टेक्नॉलजी मिनिस्ट्री ने इस तकनीक का सफल टेस्ट किया है। इस नई तकनीक को लाई-फाई तकनीक का नाम दिया गया है। इसमें 10 जीबी प्रति सेकेंड तक की स्पीड से एक किलोमीटर के दायरे में डेटा ट्रांसमिशन वाले एलईडी बल्ब और लाइट स्पेक्ट्रम यूज किए जाते हैं। इस टेस्टिंग का मकसद उन बीहड़ इलाकों तक इंटरनेट कनेक्टिविटी पहुंचाना है जहां फाइबर केबल तो नहीं पहुंचा है लेकिन बिजली जरूर है। इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अस्पतालों को कनेक्ट करने में किया जा सकता है जहां कुछ इक्विपमेंट्स के चलते इंटरनेट सिग्नल हमेशा टूटता रहता है। इसके जरिए अंडरवॉटर कनेक्टिविटी भी मुहैया करार्इ जा सकती है।
इस नई तकनीक के बारे में इस प्रोजक्ट को चला रही नीना पहुजा का कहना है कि आने वाले समय में देश के भविष्य में स्मार्ट सिटीज में लाई-फाई तकनीक काफी काम की होगी, यहां इंटरनेट की जरुरत होगी और इसे इस तकनीक के जरिए पूरा किया जा सकेगा।
इस प्रोजेक्ट पर अभी आईआईटी मद्रास के साथ काम चल रहा है, इसमें एलईडी बल्ब बनाने वाली कंपनी फिलिप्स भी अपना सहयोग दे रही है। इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस अपने इस प्रोजक्ट का इस्तेमाल बेंगलुरु में करना चाहता है।
फिलिप्स लाइटिंग इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर सुमित जोशी ने का कहना है कि ‘हम नई तकनीकों को लाए जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस क्षेत्र में नई तकनीकों पर काम करते रहेंगे।