Thursday, January 19, 2017

धनबाद आकर सीख रहे फिनलैंड के वैज्ञानिक, कैसे एसीडिक वाटर को बनाए पेयजल

शोध और तकनीक के क्षेत्र में अक्सर जहाँ हम विदेशी संस्थान और उनके तकनीक का गुणगान करते रहे हैं, वहीं अब विदेशी भी हमारे तकनीक और वैज्ञानिक शोध को अपने देश में अपनाने के लिए आगे आ रहे हैं. यह उपलब्धि हासिल की है  देश के प्रसिद्ध वैज्ञानिक संस्थान धनबाद के सिंफर ने. खदानों से निकलने वाली एसीडिक वाटर का ट्रीटमेंट कर कैसे पीने योग्य बनाया जाए, इसको लेकर फिनलैंड देश से आए तीन वैज्ञानिकों की टीम गुरुवार को सिंफर के वैज्ञानिकों के साथ बैठक कर रही है.
सिंफर के सभागार में आयोजित इस बैठक में भारतीय वरिष्ठ वैज्ञानिकों के अलावा जीएसआई के निदेशक प्रदीप सिंह, बीसीसीएल, सीएमपीडीआई और कोल इंडिया की टीम शामिल है. सिंफर के वरिष्ठ वैज्ञानिकों के अनुसार हाल के कुछ वर्ष पूर्व ही धनबाद सिंफर के वैज्ञानिकों ने कोयला खदान से निकलने वाले वेस्ट वाटर को ट्रीटमेंट कर पीने योग्य बनाने में सफलता हासिल की थी. सिंफर के सीनियर वैज्ञानिक के के सिंह के मुताबिक झरिया एवं पुटकी के इलाके में इसका इस्तेमाल शुरू हो गया है. पिछले वर्ष नवंबर 2016 में केन्द्रीय कोयला मंत्री पीयूष गोयल जब फिनलैड दौरे पर गए थे, तब दोनों देश में इस मुद्दे पर संयुक्त रूप से शोध करने के लिए सहमति बनी थी. यही कारण है कि गुरुवार को फिनलैंड के तीन वैज्ञानिक प्रो.वेशा नेयाकेनन, एंटी पैशनन और जूहा स्टैंगेल धनबाद पहुंचे हैं.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि झरिया के कोयला खदानों में निकलने वाले वेस्ट वाटर में एसिडीक की समस्या नहीं रहती. यहाँ टीडीएस अधिक रहती है. जबकि पूर्वोत्तर के खदानों से निकलने वाले पानी में फास्फोरस और खतरनाक एसिड शामिल रहते हैं. फिनलैंड में भी यही समस्या पायी जाती है. इसलिए दोनों देश के वैज्ञानिक इस समस्या का समाधान मिलकर ढूंढेंगे और शोध करेंगे.

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