Sunday, February 9, 2014

सुस्‍त' पटना पुलिस ने 6 घंटे में सुलझाया किडनैपिंग केस

Symbolic Imageजिस पटना पुलिस पर सुस्ती के इलजाम हमेशा लगते रहे हैं, उसी पटना पुलिस ने अपहरण के एक बड़े मामले को घटना के सिर्फ छह घंटे के अंदर खुलासा कर न सिर्फ अगवा स्कूली छात्र को बरामद कर लिया बल्कि घटना में शामिल सीआरपीएफ के एक जवान सहित दो अपहरणकर्ताओं को भी गिरफ्तार कर लिया. पटना पुलिस ने यह कारवाई बिलकुल फ़िल्मी अंदाज़ में अंजाम दिया है.
पटना के एक बड़े स्कूल में दसवी के छात्र शिवम ने करीब छ घंटे अपहरणकर्ताओं के बीच गुजारा है. इस दौरान इसने जो झेला है उसे याद करके ही इसके रौंगटे खड़े हो जाते है. फिरौती मांगी गई थी पूरे दो करोड़ रुपये. अगवा छात्र शिवम खंडेलवाल ने बताया, 'मैं टेनिस के लिए जा रहा तभी ड्राइवर ने जब गाड़ी धीमी की तो दो लोग गाड़ी खोलकर घुस गए, पिस्टल सटा दिया और आरा की तरफ लेकर चले गए.
बकौल पटना के आईजी सुशील खोपड़े, 'शुक्रवार की शाम शिवम घर से टेनिस खेलने जाने के लिए निकला था. उसके साथ ड्राइवर गिरीश पाठक था. पटना क्लब के पास ड्राइवर ने कार को धीमा किया. इसी दौरान दो लोग पीछे के दरवाजे से अन्दर बैठ गए और शिवम की गर्दन पर पिस्टल सटा दिया. उसके बाद वे उसे लेकर आरा की तरफ निकल गए.'
उन्‍होंने बताया, 'शाम साढ़े सात बजे शिवम के पिता मोहन खंडेलवाल जो पटना के बड़े बिजनेसमैन और होटल मालिक हैं, वे पटना के एसएसपी से मिले और बताया कि उनके बेटे का अपहरण कर लिया गया है और बतौर फिरौती दो करोड़ की मांग की गई है. इस सूचना के मिलते ही एसएसपी ने तुरंत एक इमरजेंसी बैठक की और अलग-अलग टीम का गठन किया गया. इस क्रम में शहर में लगे सीसीटीवी और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की मदद ली गई. जिस नंबर से कॉल किया गया था वो बैंगलोर का था.'
पुलिस करीब छ घंटे की तफतीश में उस जगह पहुंच गई जहां अगवा शिवम को रखा गया था. यह जगह थी पटना से करीब 150 किलोमीटर दूर आरा का धनपुरा गांव. पुलिस जब वहां पहुंची तो वहां दो लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमे एक अभिषेक शर्मा जो सीआरपीएफ का जवान था और दूसरा प्रमोद कुमार था जो धनपुरा का ही रहनेवाला था. पुलिस को यह जानकारी सीसीटीवी से मिल चुकी थी की इस घटना में मोहन खंडेलवाल का ड्राइवर गिरीश पाठक भी शामिल है. हालांकि गिरीश और उसकी पत्नी जो इस घटना के बाद फरार हैं, वह अभी तक गिरफ्त में नहीं आ सके हैं. गिरीश की पत्नी के बारे में पुलिस का कहना है कि उसे घटना की जानकारी पहले से थी.
अपने बेटे को पाकर मोहन खंडेलवाल का गला रुंध गया है. कहते हैं पटना पुलिस के लिए कुछ कहने को मेरे पास शब्द नहीं है.

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