Sunday, September 15, 2013

भारत-चिली सहयोग

1. नवीन एवं अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में भारत-चिली सहयोग - चिली अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए लगभग पूरी तरह से आयात पर निर्भर है इसलिए वह अक्षय ऊर्जा के बड़े घटक को शुरू कर अपने ऊर्जा क्षमता में विविधता लाने को बेहद उत्सुक है. वह पवन, सौर, और भूतापीय तथा पनबिजली ऊर्जा के क्षेत्र में सक्षम है.भारत के अक्षत ऊर्जा मंत्री डॉ फारुक अब्दुल्ला ने चिली को अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं शुरू करने में मदद के लिए पवन ऊर्जा केंद्र, सौर ऊर्जा केंद्र, वैकल्पिक पनबिजली केंद्र, कर्मियों के प्रशिक्षण और चिली में इन तकनीकों के दोहन के लिए परियोजनाओं की तैयारी में भारतीय विशेषज्ञों और संस्थानों की सेवाओं की पेशकश की. उन्होंने भारत में भारतीय तकनीक और आर्थिक सहयोग कार्यक्रम (आईटीईसी) की सहायता से चिली के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और तकनीकी विशेषज्ञों को प्रशिक्षण देने की भी पेशकश की.

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